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छतरपुर: मस्जिद में आग लगाकर सांप्रदायिक दंगे की साजिश — दो गिरफ्तार, चार की तलाश

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छतरपुर/हरपालपुर थाना (ग्राम इमलिया) — गुरुवार की रात ग्राम इमलिया में कुछ असामाजिक तत्वों ने स्थानीय मस्जिद में घुसकर तोड़-फोड़ की और मस्जिद में आग लगा दी। आग से जनमाज़, तिलावत के पारे, क़ुरआन व अन्य धार्मिक सामग्री जलकर नष्ट हो गई। सुबह जब मस्जिद के इमाम नमाज़ के लिए पहुंचे तो वहां आग लगी हुई मिली; सूचना मिलते ही गांव के लोगों ने पहुंचकर आग बुझाई और मामले की सूचना पुलिस को दी।

पुलिस ने घटना के सम्बन्ध में त्वरित कार्रवाई करते हुए हर्ष पटैरिया और मनोज पटैरिया को उत्तर प्रदेश के महोबा से गिरफ्तार कर लिया है। अभी भी चार अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। पुलिस इस घटना को सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की साजिश के रूप में देख रही है और गहन पड़ताल कर रही है कि आरोपियों के साथ और कौन-कौन लोग शामिल थे तथा घटना की मोटी वजह क्या रही।

मामले की जानकारी और पुलिस की कार्रवाई

घटना स्थल: ग्राम इमलिया (हरपालपुर थाना अंतर्गत)

घटना का समय: गुरुवार की रात (सुबह आग बुझते ही ग्रामीणों ने जानकारी दी)

गिरफ्तार: हर्ष पटैरिया, मनोज पटैरिया (महोबा, उत्तर प्रदेश से)

लापता/तलाश में: 4 अन्य संदिग्ध

नष्ट हुई चीज़ें: जनमाज़, तिलावत के पारे, कुरआन शरीफ व अन्य धार्मिक सामग्री

विभागीय कदम: पुलिस ने प्राथमिक जाँच शुरू कर दी है; फॉरेंसिक टीम/घटनास्थल का निरीक्षण व सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल जारी है; जिन लोगों की पहचान हुई है, उनसे पूछताछ की जा रही है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि मामला गंभीर होने के कारण इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय प्रशासन और पुलिस तनाव नियंत्रण के लिए गांव में अतिरिक्त गश्त और निगरानी बढ़ा चुकी है ताकि शांति व कानून व्यवस्था बनी रहे।

स्थानीय प्रतिक्रिया

ग्रामीणों और मस्जिद से जुड़े लोगों ने घटना की निंदा की है और दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है। कई लोग चिंतित हैं कि ऐसे घटनाक्रम समाज में तनाव और टूटफूट बढ़ा सकते हैं, इसलिए शांति बनाए रखना अनिवार्य बताया जा रहा है। प्रशासन ने भी दावा किया है कि किसी भी तरह की अफवाह फैलने पर तुरंत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

आगजनी के बाद के कदम (सुझावित)

1. तुरंत पूरी सूची बनाकर नष्ट हुई धार्मिक सामग्री की मरम्मत/बदली की जाए।

2. प्रभावित परिवारों/मस्जिद के लिए आपात राहत/सहायता मुहैया कराई जाए।

3. सामुदायिक नेताओं व प्रशासन के साथ मिलकर शांति बैठाने हेतु बैठक बुलाई जाए।

4. दोषियों के विरुद्ध शीघ्र और पारदर्शी कार्रवाई को प्राथमिकता दी जाए।

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