लेखक: वरिष्ठ हिंदी पत्रकार, News India 100
तारीख: 9 अगस्त 2025
प्रारंभिक परिचय
ICICI बैंक ने हाल ही में बचत खाते (Savings Account) के लिए न्यूनतम मासिक औसत बैलेंस (MAB) में भारी वृद्धि की घोषणा की है। इस बदलाव के प्रभाव का दायरा व्यापक है — खासकर उन लाखों ग्राहकों के लिए जो मेट्रो, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में खाताधारक हैं। इस लेख में हम इस निर्णय का पूरा विश्लेषण, विशेषज्ञों की राय और आम जनता पर इसके संभावित प्रभाव पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
घटना का विवरण
- नई आवश्यकताएँ:
- मेट्रो और शहरी क्षेत्रों के नए बचत खाते: ₹50,000 से बढ़ाकर
- अर्ध-शहरी शाखाएँ: ₹25,000 (पहले ₹5,000)
- ग्रामीण शाखाएँ: ₹10,000 (पहले ₹2,500 या ₹5,000) mintThe Indian ExpressThe Economic TimesThe Economic Times
- दंड नियम (Penalty): यदि मासिक औसत बैलेंस आवश्यक राशि से नीचे रहता है, तो या तो शॉर्टफॉल का 6% या ₹500, जो भी कम हो, वह जुर्माना लगाया जाएगा mintThe Indian Express।
- नए नियम केवल नए खातों पर लागू: Existing ग्राहकों पर फिलहाल ये नई MAB आवश्यकताएँ लागू नहीं की गई हैं The Times of India।
नवीनतम अपडेट
- बढ़ती ग्राहक शुल्क संरचना:
नकद जमा (Cash Deposit) के तीन मुफ्त लेनदेन दिए गए, इसके बाद प्रत्येक लेनदेन पर ₹150 का शुल्क लगेगा। ₹1 लाख तक जमा मंथली सीमा रहेगा; इससे ऊपर ₹3.5 प्रति ₹1,000 या ₹150, जो भी अधिक हो, वह लगेगा। तीसरे पक्ष से नकद जमा ₹25,000 तक सीमित है mintwww.ndtv.com।
विशेषज्ञों की राय
- वित्तीय समावेशन पर उल्टा प्रभाव:
“गरीब तबके के लिए खाता खोलना या जारी रखना अब और मुश्किल हो गया है”, जैसी टिप्पणियाँ सामने आई हैं, जो बताते हैं कि इस कदम से वित्तीय समावेशन प्रभावित हो सकता है Navbharat Times। - व्यावसायिक दृष्टिकोण:
एक अन्य विश्लेषण कहता है, “यह कदम बैंक के उस रुख को दर्शाता है जिसमें वह अमीर ग्राहकों को प्राथमिकता देने लगा है” Navbharat Times। - प्रतिस्पर्धा का विस्तार:
HDFC बैंक जैसी अन्य निजी बैंकें अभी भी काफी कम न्यूनतम बैलेंस मांगती हैं, जिससे ICICI का यह कदम तुलना में कठोर लगता है The Economic TimesNavbharat Times।
प्रभाव और प्रतिक्रिया (भू-संदर्भ: भारत)
- मेट्रो शहर (जैसे मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु): ₹50,000 MAB सामान्य ग्राहक वर्ग के लिए भारी दबाव बन सकता है।
- अर्ध-शहरी क्षेत्र (जैसे मध्यप्रदेश की छतरपुर): ₹25,000 मासिक औसत बैलेंस ग्रामीण और निम्न-आय वर्ग के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- ग्रामीण क्षेत्र: ₹10,000 बैलेंस अब भी कम-आय वाले व्यक्तियों के लिए भारी साबित हो सकता है।
संक्षेप में: यह नीति आम ग्राहकों को बैंकिंग से दूर कर सकती है, खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में जहाँ सबसे अधिक वित्तीय समावेशन की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
ICICI बैंक द्वारा लागू यह नया न्यूनतम बैलेंस नियम, व्यावसायिक दृष्टिकोण से मुनाफे और दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक कदम है, लेकिन इससे वित्तीय समावेशन और व्यापक ग्राहक बिंदुओं पर गंभीर असर पड़ेगा। यदि बैंक को गहन ग्राहक आधार बनाए रखना है, तो मौजूदा ग्राहकों के लिए विशेष छूट या लचीले विकल्प प्रदान करने की आवश्यकता हो सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
नहीं। यह केवल नए बचत खाते वाले ग्राहकों के लिए लागू है। पहले से चल रहे खाते इस नियम से प्रभावित नहीं हैं The Times of India।
जो कम बकाया होगा, उसका 6% या ₹500—जो भी कम हो—जुर्माना लगाया जाएगा mintThe Indian Express।
हाँ, तीन मुफ्त नकद जमा लेनदेन मिलते हैं, उसके बाद ₹150 प्रति लेनदेन शुल्क लगता है और ₹1 लाख तक जमा सीमा है mintwww.ndtv.com।


